मैं एक चित्रकार हूँ और मैंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इसकी पढाई हुई है। इतने विस्तार से कला इतिहास में भी नहीं पढ़ाया गया। इस वीडियो को एक चैप्टर के तौर पर यूजीसी को प्रयोग में लाना चाहिए। कृपया ऐसे कुछ अद्भुत चलचित्र 'रस' अथवा 'नौरस' पर भी देखने को मिल जाये तो आपका सदैव आभारी रहूँगा। प्रणाम 🙏🌷
प्रणाम, नित्यानंद जी आप कोटी-कोटी धन्यवाद। जितना अद्वित्य कामशिल्प उसी अनरूप आपका यह चलचित्र। मेरे विचार में आपके सभी चलचित्रों में से, अभी तक का सर्वोत्तम चलचित्र है। इस विषय पर प्रथम श्रेणी का अविस्मरणीय, जिज्ञासाओं को दूर कर मन को शांति प्रदान करने वाला।
हमारे भारतदेश को ऐसे चलच्चित्रों की और आप जैसे विद्वानोंकी मेरुतुल्य आवश्यकता है, क्योंकि आपने शास्त्र तो उद्धृत किए ही परंतु नोटों पर ही हमारी संस्कृति अंकित या मुद्रित की गई है ये बात दिखलाने की सोच स्तुत्य है रोचक है और वंदनीय है क्योंकि ऐसी बातें ही जनमानस में चिरकाल रहती हैं। कोटिशः आभार, प्रणाम 🙏
I really liked this episode because recently I read GIT GOVIND and don't know how to interpret but now it is somewhat clear. To see it the way it is not to be ashamed. Thanks
What an amazing - tour de force - explanation of this important topic. हमारी दास भावना केवल इस विषय नहीं परन्तु अनेक विषयों में हमें पीछे रक्खे हुए है Thank you for this scholarly analysis that was enlightening
धन्यवाद नित्यानंद जी, अत्यंत स्पष्टीकरण के साथ विषय का प्रस्तुतिकरण सराहनीय है। ऐसा क्यों लग रहा है कि भूत में मैं अनुराग शुक्ला आपके साथ खजुराहो का पथप्रदर्शक रहा हूँ।
This video of yours is a brilliant achievement. Peerless I would say. Your observation that the sculptures in our great temples appear alive is spot on. The quality of workmanship in those sculptures is no less that what Michelangelo or Bernini scultpted in the west. I have particularly been enamored by Hoysala and Chalukya temples and their depiction of "Kama" in all its form. Particularly impressive, in my opinion is the subtleties depicted in those sculptures. For example, women peering deeply in the eyes of her lover, or a couple holding each other's hand with love and delicacy. I would refrain from writing an essay. However, I thank you again for this video and eagerly waiting for the next part.
I'm from nepal in nepal lumbini region, in arghakhanchi district there is a ma kali temple and its full of kam chitra kala at the top. The pillars are ful of kam chitra kala, so from here I can say that definitely kam chitra kala was a significant part of sanatan dharm.
@@AmanSharma-773I am guessing you are a convert.But I will say this is a major part of every other religion including the Bible.If you read song of Solomon you will find it about that.
@@AmanSharma-773 don't fall into their argumentative loop mate, it will only lead yóū towards more confusion, because there is no substance behind any theology they put forward to explain the presence of those "Kamashilpa". And i ensure yóū, yóū have raised a valid question, Hindu religion has strict beliefs regarding s e x u a l i t y and rightfully so because, such kinds of discussions only make a society weak. The reality is, this particular style of temple construction with e r o t i c carvings has Dravidian totemic origin, before yóū begin explaining me AIT is a sham, i agree it is but that doesn't exclude out of the equation the fact that there were people in ancient north of India and they were very different from Dravidians and Austroasiatic or Mongoloid groups down south and at far east with regards to appearance, culture, genetics and over all lifestyle choice altogether. There are three kinds of Hindu temple construction styles i.e 'शैली' - नागर style (शैली ) (Indo Aryan in origin), the द्रविड़ style (Dravidian and Austroasiatic in origin) and वेसर style (which is a fusion between the two above mentioned styles). Out of all three the Nagar style temples don't have any such e r o t i c sculptural exhibitionism going on, yóū may have seen our beloved Lord Shri Ram's newly built temple, it was constructed in Nagar style and except in the pillars at front entrance, there are no such carving present. The reason Dravidian and Vesar style temples have these carvings is simply because it was some form of totemistic belief that revolved around s e x , such totemistic beliefs were quite popular in other civilizations as well like in Mesopotemia and Xaina. When later Puranas were being composed in medieval and early medieval period, these beliefs of Dravidian totemism found their way into the our scriptures resulting in association of this h e r e s y with the Hindu theology consequently gaining scriptural authorisation, when it should not have been the case. How did they find their way into Puranas ? because religions often have a tendency to explore esoteric ideas and incorporate them within, it's how religions evolve, even other religions went through it during the course of their history, the Majar worship is peculiar to South Asian Muslims not others. So next time onwards know that this sculpture totemism is just a h e r e s y and have nothing to do with our Gods. Go to the temples without looking at them and pray.
@@adrianbelko7683 i don't want to see this video again at a point in my mind I'm thinking what i said in this comment so i will delete my previous comment.
Dhanyawad apka, it's very important topic and theme you have presented, because Even Sanatan Dharma followers have foolish and dumb views regarding sex as they are influenced by Maulawood or abrahamic cults like Islam and Christianity, they have forgotten that our ancestors, our Bhartiya Culture is always open and balanced towards Sex, towards desires. Well presented to shed light and remove the darkness from the mind and heart of Bhartiya.
Prachin kaal ke log kitna broad-minded the...yah ye bhi darshata hai ki sansar me sristi ki jivan ki rachana ke liye kaam kitna avyashak tha aur sadhakon ke liye apne indriyon par santulan rakh kar sadhna karne ka ek yog sadhan bhi...very nicely and elaborately explained
नमस्ते, धन्यवाद, श्री मिश्रजी ! सुना है कि सुन्दर शिल्प भक्तों के हृदय में द्रुति का सृजन करते हैं एवं उसके फलस्वरूप जब मन्दिर के कवाट खोलनेपर देवता का दर्शन होता है तब विग्रह की आकृति दर्शक के हृदय में गहरी छाप लगाती हैं / उत्सव काल में दक्षिण भारतीय मन्दिरों में अनेक मञ्च कला प्रदर्शन होने का रहस्य भी यह ही होगा, कदाचित् -- भक्त जन में हृदय द्रुति का सृजन ?
Thank you for your profound discourse on this subject. But greatly regret that you haven’t mentioned anything about Assam, ancient Pragjyotishpura. There are many maithuna sculptures recovered from temple ruins from different parts of Assam. Ruin temple of Madan- Kamdeva , near Guwahati is one of such example. Besides in the famous Kamakhya temple the Centre of worship is the jyoni.
नमस्कार महोदय। आपका ये चलचित्र से बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ इसके लिए मैं आभारी हु। बहुत अच्छा प्रयोजन प्रारंभ किया है आपने। मेरा एक प्रश्न है। एक और हम कामशिल्प को धर्मयुक्त मानते है वही दुसरी और हम नर नारियों को सभ्य वस्त्र धारण करने का आदेश देते है। क्या ये उचित विचारधारा है। क्या आप ऐसे शास्त्रों का वर्णन कर सकते है जहा पे निजी जीवन में काम अथवा वस्त्रधारण पर चर्चा हुई है। बहुत धन्यवाद 🙏🏻
Sir Namaste. Very good explanation. With authentic references people of this generation should know about our Indian culture n heritage. 99.9% Indian citizens who r Hindus sorry to say do not know about our culture. And they refuse to listen n study the above said subject. I am a Sr.cittizen n I travelled a lot. Ivisited all the places what u have said in the explation. And more over u gave such a authentic quotations of Indian literature. The Badic source of a country 's history 1. Literary n monumental. Thank you. Plz can u explain about 'salabamjikas' in detail.
कृपया ‘धर्म के अविरुद्ध काम’ की व्याख्या बताए। क्या केवल सुख की अनुभूति हेतु, और संतान उत्पत्ति के हेतु विरहित की गई पति-पत्नी में काम क्रिया धर्म के अविरुद्ध हैं ? प्राचीन तथा मध्यकालीन भारत में निरोध की अवधारणा क्या थी ? कृपया इन विषयों पर भी प्रकाश डाले। धन्यवाद।
🙏आदरणीय चुप्पी नहीं साधते बल्कि उन प्रश्नों से बचना चाहते हैं जब वर्तमान पीढ़ी का पूछता है कि उस काल में वो कौन सा अब्दुल था जो मंदिरों में घुस गया था जो काम शिल्प की ऐसी चित्रकारी उकेर गया🤔❓ वैसे भी देख लो जब जब भी स्कूलों में यौनशिक्षा का प्रचार प्रसार करने की मांग उठाई जाती है तो हम हल्ला मचाने लगते हैं 🙏l
न अब्दुल था न ब्रह्मण सारे बौद्ध शिल्प कला हैं । क्योंकि वेद में शिल्प कला की चर्चा नहीं है। सारे पुराण मुगल काल में लिखे गये । अल्लाह उपनिषद या भविष्य पुराण। जो भी मूर्ति है वो बुद्ध धर्म की महायान और वज्रयान शाखा की शिल्प कला है। भारत में सब से पहले बुद्ध की मूर्ति बनी है ।
Ds is finest episode of kamasutra & Hinduism. D myth & propaganda abt d kamasutra is expose by Mishra sir is extremely beautiful.❤ 4 episode.🎉 4 ur representation.
पूर्वाचार्यो में जैसे श्री १०८ धन शमशेर जंग बहादुर राणा जी के द्वारा रचित कामकला रहस्य इस शिल्प शास्त्र का 19 century का प्रमुख ग्रंथ है । यद्यपि यह ग्रंथ नेपाली भाषा में है परंतु शिल्प शास्त्र के इस रहस्य को बहुत ही सुंदर ढंग से उसमें चर्चा किया गया है।
मैं एक चित्रकार हूँ और मैंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इसकी पढाई हुई है। इतने विस्तार से कला इतिहास में भी नहीं पढ़ाया गया। इस वीडियो को एक चैप्टर के तौर पर यूजीसी को प्रयोग में लाना चाहिए। कृपया ऐसे कुछ अद्भुत चलचित्र 'रस' अथवा 'नौरस' पर भी देखने को मिल जाये तो आपका सदैव आभारी रहूँगा। प्रणाम 🙏🌷
Jai mahamana😊
8h
प्रणाम, नित्यानंद जी आप कोटी-कोटी धन्यवाद। जितना अद्वित्य कामशिल्प उसी अनरूप आपका यह चलचित्र। मेरे विचार में आपके सभी चलचित्रों में से, अभी तक का सर्वोत्तम चलचित्र है। इस विषय पर प्रथम श्रेणी का अविस्मरणीय, जिज्ञासाओं को दूर कर मन को शांति प्रदान करने वाला।
बहुत बहुत आभार, मित्र!
@@NityanandaMisraजगत का उपादान कारण कौन है ब्रह्म या प्रकृति?
आपका बहुत बहुत आभार ।। आपने शिल्प कला को इतनी बारीकी से बताया। बुद्धिजम की चीजों को सबके सामने लाने समझने के लिए बहुत बहुत आभार ,धन्यवाद।।🙏🙏🙏
आपको प्रणाम नित्यानंद जी, आपकी वाणी से यह व्याख्यान सुनकर तन-मन में हावी कामवासना का ह्रास हुआ। इस श्रंखला के द्वितीय भाग की प्रतीक्षा रहेगी।
हमारे भारतदेश को ऐसे चलच्चित्रों की और आप जैसे विद्वानोंकी मेरुतुल्य आवश्यकता है, क्योंकि आपने शास्त्र तो उद्धृत किए ही परंतु नोटों पर ही हमारी संस्कृति अंकित या मुद्रित की गई है ये बात दिखलाने की सोच स्तुत्य है रोचक है और वंदनीय है क्योंकि ऐसी बातें ही जनमानस में चिरकाल रहती हैं। कोटिशः आभार, प्रणाम 🙏
I really liked this episode because recently I read GIT GOVIND and don't know how to interpret but now it is somewhat clear. To see it the way it is not to be ashamed. Thanks
नमस्कार 🙏आप और आप के पूर्ण सहयोगी का बहुत बहुत आभार ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए.🙏🙏🙏
What an amazing - tour de force - explanation of this important topic.
हमारी दास भावना केवल इस विषय नहीं परन्तु अनेक विषयों में हमें पीछे रक्खे हुए है
Thank you for this scholarly analysis that was enlightening
धन्यवाद नित्यानंद जी, अत्यंत स्पष्टीकरण के साथ विषय का प्रस्तुतिकरण सराहनीय है। ऐसा क्यों लग रहा है कि भूत में मैं अनुराग शुक्ला आपके साथ खजुराहो का पथप्रदर्शक रहा हूँ।
आपने मुझे आज नई सोच दी है,,,,आपका हृदय से धन्यवाद
This video of yours is a brilliant achievement. Peerless I would say.
Your observation that the sculptures in our great temples appear alive is spot on. The quality of workmanship in those sculptures is no less that what Michelangelo or Bernini scultpted in the west.
I have particularly been enamored by Hoysala and Chalukya temples and their depiction of "Kama" in all its form. Particularly impressive, in my opinion is the subtleties depicted in those sculptures. For example, women peering deeply in the eyes of her lover, or a couple holding each other's hand with love and delicacy.
I would refrain from writing an essay. However, I thank you again for this video and eagerly waiting for the next part.
सही हैं काम शिल्प यह शब्द प्रथम सुन रहा हूं
I'm from nepal in nepal lumbini region, in arghakhanchi district there is a ma kali temple and its full of kam chitra kala at the top. The pillars are ful of kam chitra kala, so from here I can say that definitely kam chitra kala was a significant part of sanatan dharm.
@@AmanSharma-773I am guessing you are a convert.But I will say this is a major part of every other religion including the Bible.If you read song of Solomon you will find it about that.
@@AmanSharma-773 don't fall into their argumentative loop mate, it will only lead yóū towards more confusion, because there is no substance behind any theology they put forward to explain the presence of those "Kamashilpa". And i ensure yóū, yóū have raised a valid question, Hindu religion has strict beliefs regarding s e x
u a l i t y and rightfully so because, such kinds of discussions only make a society weak.
The reality is, this particular style of temple construction with e r o t i c carvings has Dravidian totemic origin, before yóū begin explaining me AIT is a sham, i agree it is but that doesn't exclude out of the equation the fact that there were people in ancient north of India and they were very different from Dravidians and Austroasiatic or Mongoloid groups down south and at far east with regards to appearance, culture, genetics and over all lifestyle choice altogether.
There are three kinds of Hindu temple construction styles i.e 'शैली' - नागर style (शैली ) (Indo Aryan in origin), the द्रविड़ style (Dravidian and Austroasiatic in origin) and वेसर style (which is a fusion between the two above mentioned styles). Out of all three the Nagar style temples don't have any such e r o t i c sculptural exhibitionism going on,
yóū may have seen our beloved Lord Shri Ram's newly built temple, it was constructed in Nagar style and except in the pillars at front entrance, there are no such carving present.
The reason Dravidian and Vesar style temples have these carvings is simply because it was some form of totemistic belief that revolved around s e x , such totemistic beliefs were quite popular in other civilizations as well like in Mesopotemia and Xaina.
When later Puranas were being composed in medieval and early medieval period, these beliefs of Dravidian totemism found their way into the our scriptures resulting in association of this h e r e s y with the Hindu theology consequently gaining scriptural authorisation, when it should not have been the case.
How did they find their way into Puranas ? because religions often have a tendency to explore esoteric ideas and incorporate them within, it's how religions evolve, even other religions went through it during the course of their history, the Majar worship is peculiar to South Asian Muslims not others.
So next time onwards know that this sculpture totemism is just a h e r e s y and have nothing to do with our Gods. Go to the temples without looking at them and pray.
@@adrianbelko7683 i don't want to see this video again at a point in my mind I'm thinking what i said in this comment so i will delete my previous comment.
@@adrianbelko7683 i dont want to see this video again and this is what my mind is at a point so i deleted my comments.
बहुत बहुत बधाई ।आपने बहुत सुन्दर फेक्ट के साथ समझाया
अतिसुंदर प्रस्तुति अच्छी जानकारी दी आप ने जारी रखें नित्यानंद जी सादर प्रणाम 🙏🙏
अत्यंत महत्वपूर्ण चलचित्र, आपका आभार ❤🙏🏻
धन्यवाद नित्यानंद जी आज आपके कारण मेरी संकुचित दृष्टि में बहुत परिवर्तन आया है🙏🛕🚩
Sir
I am sure this video is the culmination of several years of research. Astonishing!
ଖୁବ୍ ସାରଗର୍ଭକ ଆଲୋଚନା ଥିଲା ଏହା । ଓଡ଼ିଶାକୁ; କୋଣାର୍କକୁ ଆପତାଙ୍କୁ ସ୍ୱାଗତ |🙏
अत्यंत ही उत्तम् प्रकार से प्रस्तुत किया है आपने आपको कोटि कोटि नमन👌🏻🙏🏻
काम पुरुषार्थ पर विवेचना अत्यंत महत्वपूर्ण , सराहनीय है ।
धन्यवाद ।🙏
Hmm..
बहुत ही विद्वत पूर्ण व्याख्या। बहुत_बहुत धन्यवाद।
Pranaam guruji Aap dhanya hai hindi , English, Sanskrit mein teeno language mein expert
Dhanyawad apka, it's very important topic and theme you have presented, because Even Sanatan Dharma followers have foolish and dumb views regarding sex as they are influenced by Maulawood or abrahamic cults like Islam and Christianity, they have forgotten that our ancestors, our Bhartiya Culture is always open and balanced towards Sex, towards desires. Well presented to shed light and remove the darkness from the mind and heart of Bhartiya.
Aap ko koti koti naman 23:57
Vishisht vishaya evam apratim kriti. Anukaraneeya 🙏🏼
Nityanand Misraji, Pranam. Request you to make the extra effort to train a few more people like you to spread such insights. 🙏🙏🙏🙏
Prachin kaal ke log kitna broad-minded the...yah ye bhi darshata hai ki sansar me sristi ki jivan ki rachana ke liye kaam kitna avyashak tha aur sadhakon ke liye apne indriyon par santulan rakh kar sadhna karne ka ek yog sadhan bhi...very nicely and elaborately explained
बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙏👍👍🌼🌼
अद्बुथम😮😊👌💐 जय भारत। जय सनातन धर्म। 😊😊❤👌💐
Hahahaha! Your dharm is erotic, always think about sx hahaha, only Muslims are pure, not like Hindus.. Good this video exposes Hindu system.
कोटि कोटि धन्यवाद, 🙏
नमस्ते, धन्यवाद, श्री मिश्रजी ! सुना है कि सुन्दर शिल्प भक्तों के हृदय में द्रुति का सृजन करते हैं एवं उसके फलस्वरूप जब मन्दिर के कवाट खोलनेपर देवता का दर्शन होता है तब विग्रह की आकृति दर्शक के हृदय में गहरी छाप लगाती हैं /
उत्सव काल में दक्षिण भारतीय मन्दिरों में अनेक मञ्च कला प्रदर्शन होने का रहस्य भी यह ही होगा, कदाचित् -- भक्त जन में हृदय द्रुति का सृजन ?
Apke parikshrm ko koti koti pranam🙏
Om Namah Shivay
ATI sunder shaily me
Samjaya.
Parvati pataye Har Har Mahadev.
Dhanyvad.
Dear Niyananda sir ji aap ko dil ki gehraiyon se sat sat naman Namo buddhay Jai bhim Jai samvidhan Jai vigyan Jai bharat Jai mulnivasi 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
Ati sunder bahut deeply aapne samajaya hai aacharya ji
अत्यंत ज्ञानवर्धक 😊❤महोदय धन्यवाद 😊
अति सुंदरतम व्याख्यान ❤
Thank you for your profound discourse on this subject. But greatly regret that you haven’t mentioned anything about Assam, ancient Pragjyotishpura. There are many maithuna sculptures recovered from temple ruins from different parts of Assam. Ruin temple of Madan- Kamdeva , near Guwahati is one of such example. Besides in the famous Kamakhya temple the Centre of worship is the jyoni.
Pranams .excellent presentation with best authentic narrative.
आप का ज्ञान अनमोल है किन्तु जो काशी या देश मे बलात्कार हो रहा हे वो बढेगा या घटेगा??????
लिट् से लिङ्ग शब्द प्रसूत हुआ है। आस्वा दने लिट् इति उच्यते एतस्य इतिहासात् कः अर्थ:?please explain it ।
काम शिल्प को समझाने और एज्नता अलोरा के महत्व को समझाने के लिए आप का कोटि कोटि धन्यवाद.....इसके बारे में हमें स्कूलों में पढाया जाना चाहिए.....
नमस्कार महोदय।
आपका ये चलचित्र से बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ इसके लिए मैं आभारी हु। बहुत अच्छा प्रयोजन प्रारंभ किया है आपने।
मेरा एक प्रश्न है। एक और हम कामशिल्प को धर्मयुक्त मानते है वही दुसरी और हम नर नारियों को सभ्य वस्त्र धारण करने का आदेश देते है। क्या ये उचित विचारधारा है। क्या आप ऐसे शास्त्रों का वर्णन कर सकते है जहा पे निजी जीवन में काम अथवा वस्त्रधारण पर चर्चा हुई है।
बहुत धन्यवाद 🙏🏻
बहुत सुंदर प्रस्तुति
धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏
महत्वपूर्ण विषय
Hriday se dhanyvaad Nityanand ji !!
Very beautyful and deep information .
Your information is very clear sharp and soulful.
Jai bhawani
बहुत जानकारीपूर्ण वीडियो है 😊😊😊😊😊
Hamari mahan sanskrti par mujhe garv hai
प्रणाम, नित्यानंद जी 🙏 नौरस पर भी विस्तृत चलचित्र देखने को मिल जाये तो आपका सदैव आभारी रहूँगा 🙏🌷
।। जय जय श्रीराम ।।
काम शिल्प का सारगर्भित विश्लेषण
DHANYAVAD..enlightened
Wow good video sirr!! Pls make detailed videos on it. Waiting for Part 2!!!
Thank you Mahodaya 🙂
बहुत सुंदर विश्लेषण 🙏🙏🙏🙏
Jai Ho ❤
Thanks, very informational video.
Ahi Satya he,
Thankyou for educating us! 🙏
Apratim byakhya nityanandji
You should also make this video in english also for benifit of larger audiance.
Thank you sir. Nice presentation. 🎉
Thanks, another great video on this channel ❤
Thank you for describing this .
बहूत सुनदर
बहुत सुन्दर,मथुरा और गांधार कला पर video बनाइए
Bahut sunder ,achha.
Sir...kya kamakhya mandir be kamashilpa ki example hogi....pls clarify.
Very enlightening video.;🙏🙏
Sir Namaste. Very good explanation. With authentic references people of this generation should know about our Indian culture n heritage. 99.9% Indian citizens who r Hindus sorry to say do not know about our culture. And they refuse to listen n study the above said subject. I am a Sr.cittizen n I travelled a lot. Ivisited all the places what u have said in the explation. And more over u gave such a authentic quotations of Indian literature. The Badic source of a country 's history 1. Literary n monumental. Thank you. Plz can u explain about 'salabamjikas' in detail.
Thanks
Mahat suchna
Namaste
अद्भुत 💐❤️💐
Bahut Sunder❤
कृपया ‘धर्म के अविरुद्ध काम’ की व्याख्या बताए। क्या केवल सुख की अनुभूति हेतु, और संतान उत्पत्ति के हेतु विरहित की गई पति-पत्नी में काम क्रिया धर्म के अविरुद्ध हैं ? प्राचीन तथा मध्यकालीन भारत में निरोध की अवधारणा क्या थी ? कृपया इन विषयों पर भी प्रकाश डाले। धन्यवाद।
Would be great to hear it in English. Or at least with english subtitles
Very best analysis sir please.congratulations sir
🙏आदरणीय चुप्पी नहीं साधते बल्कि उन प्रश्नों से बचना चाहते हैं जब वर्तमान पीढ़ी का पूछता है कि उस काल में वो कौन सा अब्दुल था जो मंदिरों में घुस गया था जो काम शिल्प की ऐसी चित्रकारी उकेर गया🤔❓ वैसे भी देख लो जब जब भी स्कूलों में यौनशिक्षा का प्रचार प्रसार करने की मांग उठाई जाती है तो हम हल्ला मचाने लगते हैं 🙏l
न अब्दुल था न ब्रह्मण सारे बौद्ध शिल्प कला हैं । क्योंकि वेद में शिल्प कला की चर्चा नहीं है। सारे पुराण मुगल काल में लिखे गये । अल्लाह उपनिषद या भविष्य पुराण।
जो भी मूर्ति है वो बुद्ध धर्म की महायान और वज्रयान शाखा की शिल्प कला है। भारत में सब से पहले बुद्ध की मूर्ति बनी है ।
नमन 😊🙏
Dhanaywad
Ds is finest episode of kamasutra & Hinduism. D myth & propaganda abt d kamasutra is expose by Mishra sir is extremely beautiful.❤ 4 episode.🎉 4 ur representation.
জয় জয় রাধামাধব।🙏🙏🙏
জয় রাধে, জয় শ্রীকৃষ্ণ🙏🙏🙏
হরে কৃষ্ণ হরে কৃষ্ণ কৃষ্ণ হরে হরে হরে হরে রাম হরে রাম হরে রাম রাম রাম হরে হরে...
देखिए यह हमेशा बाहर की तरफ़ है तो भौतिक संसार है अन्दर की तरफ़ मूर्ति है वहां भोग नहीं है वहां एकाग्रता, शान्ति, एकान्त ये है।
Uttarakhand ke almora ke mandir me bhi kaam shilp hai
And some people get offended by some influencer wearing tilak. While our ancestors used to appreciate that as an art
Aapki भाषा शैली अति सुन्दर हे
Namaste sir, kya aap vaastu shastra ki kuch books ke naam bta skte hai,taki mujhe vaastu shastra ki sahi jankari mil sake ,mai vaastu sikh rhi hu.Apna ashirwad dekar ,Mera maargdarshan kre . Dhanyawad
Jaysitaram bless you thank sanyasi baba bless you thank
Very good video👌
धन्यवाद 🙏🙏🙏
पूर्वाचार्यो में जैसे श्री १०८ धन शमशेर जंग बहादुर राणा जी के द्वारा रचित कामकला रहस्य इस शिल्प शास्त्र का 19 century का प्रमुख ग्रंथ है । यद्यपि यह ग्रंथ नेपाली भाषा में है परंतु शिल्प शास्त्र के इस रहस्य को बहुत ही सुंदर ढंग से उसमें चर्चा किया गया है।
भोरमदेव मंदिर कवर्धा छत्तीसगढ़ में भी कामशिल्प दिखाया गया है👈👈
अत्यतभूतं
Very good
Dear Sir, Looking forward to a video on "Aatma" and its dimension
सब तरफ कामुक चित्र होंगे तो कब तक मानभटकेगा एक दिन तो शांत हो ही जाएगा
Are you sure?
You may think that Temple Shilp depicts our 64 Kalayen.
Kudos 👏👏👏 Fantastically elucidated, Mishrajee ❤🙏
Aap bahut bade vidhavan he